राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम (एन.बी.सी.एफ.डी.सी.) सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तत्वावधान में भारत सरकार का उपक्रम है। एन.बी.सी.एफ.डी.सी. को कम्पनी अधिनियम, 1956 की धारा 25 के अन्तर्गत (अब कम्पनी अधिनियम, 2013 की धारा-8) एक लाभ मुक्त कम्पनी के रूप में दिनाँक 13 जनवरी, 1992 को निगमित किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य अन्य पिछड़े वर्गो के लाभ के लिए आर्थिक एवं विकासात्मक कार्यकलापों को प्रोन्नत करना तथा इन वर्गों के निर्धनतम व्यक्तियों को कौशल विकास एवं स्व-रोजगार के लिए सहायता उपलब्ध कराना है।
एन.बी.सी.एफ.डी.सी. राज्य सरकारों/ संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा नामित राज्य चैनेलाइजिंग एजेंसियों एवं बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों व राष्ट्रीयकृत बैंकों) के माध्यम से वित्तीय सहायता मुहैया कराता है। एन.बी.सी.एफ.डी.सी. स्टेट चैनेलाइजिंग एजेंसियो/ स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से भी सूक्ष्म वित्त उपलब्ध कराता है। निगम पिछड़े वर्गो के निर्धन व्यक्तियों को आय अर्जन करने वाले स्व-रोजगार अवसरों व निम्नलिखित वृहत क्षेत्रों में सहायता प्रदान करता है।
- a. कृषि एवं संबंधित कार्य
- b. लघु व्यापार / दस्तकारी एवं पारम्परिक व्यवसाय
- c. तकनीकी, वोकेशनल एवं व्यावसायिक ट्रेड/ पाठ्क्रम
- d. सेवा / परिवहन क्षेत्र आदि
इसके अतिरिक्त निगम अन्य पिछड़े वर्गों के गरीब व्यक्तियों, आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों, गैर-अधिसूचित घुमंतू एवं अर्द्ध-घुमंतू जन-जातियों, वरिष्ठ नागरिकों, भिक्षावृत्ति करने वाले व्यक्तियों एवं ट्रांसजेंडरों को कौशल विकास की सुविधा उपलब्ध कराता है।